अब
तो चीन में कुत्ता भी lion
हो गया,
एक हम है की कुत्तों से बुरा हाल है,
सरे आम लूट है मची हुई,
हम घर में करते आराम है,
यह देश था वीर जवानो का,
अब खून हुआ क्यों पानी है,
जिस देश
में सरगम बनती थी,
अब सुनते 'हलकट जवानी' है,
मानवाधिकार का हल्ला है,
पर मनाव का अधिकार कहाँ?,
सीमा पे खड़े जवान से क्यों,
कोई न पूछे,'तेरा
परिवार कहाँ?',
शाहरुख़ का जन्मदिन याद रहे,
और भगत
सिंह तो बस GK है,
गन्ना पैदा जो किसान करे,
उसके पकवान ही फीके है,
महंगाई का रोना रोते है,
पर vote जात
के नाम पड़े,
Olympic में दौड़ लगाते है,
पर सच के लिए न हो खड़े,
सरहद पे गोली चलती है,
हम रुई ठूस के सोते है,
GDP के शोर-शराबे में,
बस दस्त
से बचपन खोते है,
जहां सड़क पे इज्ज़त लुटती है,
वहाँ Sunny Leone का स्वागत है,
गाँधी, सुभाष, आजाद
गर होते,
रोते ये कैसा भारत है.
एक हम है की कुत्तों से बुरा हाल है,
सरे आम लूट है मची हुई,
हम घर में करते आराम है,
यह देश था वीर जवानो का,
अब खून हुआ क्यों पानी है,
जिस देश में सरगम बनती थी,
अब सुनते 'हलकट जवानी' है,
मानवाधिकार का हल्ला है,
पर मनाव का अधिकार कहाँ?,
सीमा पे खड़े जवान से क्यों,
कोई न पूछे,'तेरा परिवार कहाँ?',
शाहरुख़ का जन्मदिन याद रहे,
और भगत सिंह तो बस GK है,
गन्ना पैदा जो किसान करे,
उसके पकवान ही फीके है,
महंगाई का रोना रोते है,
पर vote जात के नाम पड़े,
Olympic में दौड़ लगाते है,
पर सच के लिए न हो खड़े,
सरहद पे गोली चलती है,
हम रुई ठूस के सोते है,
GDP के शोर-शराबे में,
बस दस्त से बचपन खोते है,
जहां सड़क पे इज्ज़त लुटती है,
वहाँ Sunny Leone का स्वागत है,
गाँधी, सुभाष, आजाद गर होते,
रोते ये कैसा भारत है.
nice!
ReplyDeleteSo beautifully woven...u r such a revolutionist enough to set fire in hearts of any coward.....keep it up...:)
ReplyDeleteReally superb man!!!
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